सनातन गोरख धर्म एक रूहानी मिशन है जिसमें सारी मानव जाति को एक होकर सभ्य समाज के निर्माण का पाठ पढ़ाया जाता है संसार में जन्म लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति समान है सनातन गोरख धर्म ऊंच-नीच, जाति के आधार पर बटवारा नहीं करता और किसी भी मत-मजहब को छोटा या बड़ा नहीं मानता यह आपसी प्रेम-प्यार को बढ़ावा देता है सनातन गोरख धर्म आस्था व धर्म के नाम पर होने वाले शोषण को सिरे से खारिज करता है यह किसी विशेष स्थान या व्यक्ति व समाज में भ्रांति फैलाने वाली सभी प्रकार की परम्परा व प्रथा का खंडन करता है सनातन गोरख धर्म का उदेश्य सारे संसार को एक सूत्र में पिरोकर सभ्य समाज का निर्माण करना है सनातन गोरख धर्म सभी सम्प्रदायों के लोगों को साथ लेकर चलने वाली वो नाव है जो मानवता को एकता व प्रेम का पाठ पढ़ाते हुए नफरत व द्वेष को समाज से समाप्त करने का कार्य करता है हर सम्प्रदाय के व्यक्ति को सम्मान देते हुए सनातन गोरख धर्म की स्थापना हुई अत: किसी भी सम्प्रदाय का व्यक्ति सनातन गोरख धर्म को और इसके मार्ग पर चलकर अपने जीवन का विकाश करते हुए मोक्ष को पा सकता है सनातन गोरख धर्म अपनाने के नियम
1. समस्त संसार में एक ही धर्म है सनातन गोरख धर्म
2. जाति भेदभाव, ऊंच-नीच , धर्म-मजहब, व ब्रह्माण्, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र के आधार पर समाज का बंटवारा न करके सनातन गोरख धर्म में आस्था रखना,